Adhyay : 3 Mantra : 127 Back to listings प्रथिता प्रेतकृत्यैषा पित्र्यं नाम विधुक्षये । तस्मिन्युक्तस्यैति नित्यं प्रेतकृत्यैव लौकिकी । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related