Adhyay : 3 Mantra : 116 Back to listings भुक्तवत्स्वथ विप्रेषु स्वेषु भृत्येषु चैव हि । भुञ्जीयातां ततः पश्चादवशिष्टं तु दम्पती Leave a comment . विद्वान् अतिथियों द्वारा भोजन कर लेने पर और अपने सेवकों आदि के खा लेने पर उसके बाद शेष बचे भोजन को पति – पत्नी खायें । Related