भुक्तवत्स्वथ विप्रेषु स्वेषु भृत्येषु चैव हि । भुञ्जीयातां ततः पश्चादवशिष्टं तु दम्पती

. विद्वान् अतिथियों द्वारा भोजन कर लेने पर और अपने सेवकों आदि के खा लेने पर उसके बाद शेष बचे भोजन को पति – पत्नी खायें ।

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