विद्यागुरूषु विद्या पढ़ाने वाले सभी गुरूओं में स्वयोनिषु अपने वंश वाले सभी बड़ों में च और अधर्मात् प्रतिषेधत्सु उपदिशत्सु अपि अधर्म से हटाकर धर्म का उपदेश करने वालों में भी नित्या एतत् एव वृत्तिः सदैव यही ऊपर वर्णित बर्ताव करे ।
विद्यागुरूषु विद्या पढ़ाने वाले सभी गुरूओं में स्वयोनिषु अपने वंश वाले सभी बड़ों में च और अधर्मात् प्रतिषेधत्सु उपदिशत्सु अपि अधर्म से हटाकर धर्म का उपदेश करने वालों में भी नित्या एतत् एव वृत्तिः सदैव यही ऊपर वर्णित बर्ताव करे ।