गुरूसन्निधौ गुरू के समीप रहते हुए अस्य इस ब्रह्मचारी का शय्या + आसनम् बिस्तर और आसन सर्वदा सदा ही नीचम् नीचा या सामान्य रहना चाहिए गुरोः तु चक्षुः विषये और गुरू की आंखों के सामने यथेष्टासनः न भवेत् कभी मनमाने आसन से न बैठे ।
गुरूसन्निधौ गुरू के समीप रहते हुए अस्य इस ब्रह्मचारी का शय्या + आसनम् बिस्तर और आसन सर्वदा सदा ही नीचम् नीचा या सामान्य रहना चाहिए गुरोः तु चक्षुः विषये और गुरू की आंखों के सामने यथेष्टासनः न भवेत् कभी मनमाने आसन से न बैठे ।