Adhyay : 2 Mantra : 148 Back to listings कृतोपनयनस्यास्य व्रतादेशनं इष्यते । ब्रह्मणो ग्रहणं चैव क्रमेण विधिपूर्वकम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related