Adhyay : 2 Mantra : 147 Back to listings नाभिव्याहारयेद्ब्रह्म स्वधानिनयनादृते । शूद्रेण हि समस्तावद्यावद्वेदे न जायते Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related