Adhyay : 2 Mantra : 146 Back to listings वेदप्रदानादाचार्यं पितरं परिचक्षते । न ह्यस्मिन्युज्यते कर्म किञ् चिदा मौञ्जिबन्धनात् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related