Adhyay : 2 Mantra : 145 Back to listings तत्र यद्ब्रह्मजन्मास्य मौञ्जीबन्धनचिह्नितम् । तत्रास्य माता सावित्री पिता त्वाचार्य उच्यते । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related