न तेन वृद्धो भवति येनास्य पलितं शिरः । यो वै युवाप्यधीयानस्तं देवाः स्थविरं विदुः

अवस्था की अपेक्षा ज्ञान से वृद्धत्व

तेन वृद्धः न भवति उस कारण से वृद्ध नहीं होता येन अस्य शिरः पलितम् कि जिससे इसका शिर झूल जाये, केश पक जावें यः वै युवा अपि अधीयानः किन्तु जो जवान भी पढ़ा हुआ विद्वान् है तं देवाः स्थविरं विदुः उसको विद्वानों ने वृद्ध जाना और माना है ।

(सं० वि० वेदारम्भ सं०)

‘‘शरीर के बाल श्वेत होने से बूढ़ा नहीं होता किन्तु जो युवा विद्या पढ़ा हुआ है, उसी को विद्वान् लोग बड़ा जानते हैं ।’’

(स० प्र० दशम समु०)

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