Adhyay : 12 Mantra : 58 Back to listings तृणगुल्मलतानां च क्रव्यादां दंष्ट्रिणां अपि । क्रूरकर्मकृतां चैव शतशो गुरुतल्पगः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related