लूताहिसरटानां च तिरश्चां चाम्बुचारिणाम् । हिंस्राणां च पिशाचानां स्तेनो विप्रः सहस्रशः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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