Adhyay : 11 Mantra : 250 Back to listings सकृज्जप्त्वास्यवामीयं शिवसंकल्पं एव च । अपहृत्य सुवर्णं तु क्षणाद्भवति निर्मलः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related