Adhyay : 11 Mantra : 251 Back to listings हविष्पान्तीयं अभ्यस्य न तमं ह इतीति च । जपित्वा पौरुषं सूक्तं मुच्यते गुरुतल्पगः । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related