Adhyay : 11 Mantra : 23 Back to listings कल्पयित्वास्य वृत्तिं च रक्षेदेनं समन्ततः । राजा हि धर्मषड्भागं तस्मात्प्राप्नोति रक्षितात् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related