Adhyay : 11 Mantra : 24 Back to listings न यज्ञार्थं धनं शूद्राद्विप्रो भिक्षेत कर्हि चित् । यजमानो हि भिक्षित्वा चण्डालः प्रेत्य जायते । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related