चतुरः प्रातरश्नीयात्पिण्डान्विप्रः समाहितः । चतुरोऽस्तं इते सूर्ये शिशुचान्द्रायणं स्मृत

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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