Adhyay : 11 Mantra : 219 Back to listings चतुरः प्रातरश्नीयात्पिण्डान्विप्रः समाहितः । चतुरोऽस्तं इते सूर्ये शिशुचान्द्रायणं स्मृत Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related