Adhyay : 11 Mantra : 218 Back to listings अष्टावष्टौ समश्नीयात्पिण्डान्मध्यंदिने स्थिते । नियतात्मा हविष्याशी यतिचान्द्रायणं चरन् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related