Adhyay : 11 Mantra : 120 Back to listings कामतो रेतसः सेकं व्रतस्थस्य द्विजन्मनः । अतिक्रमं व्रतस्याहुर्धर्मज्ञा ब्रह्मवादिनः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related