हुत्वाग्नौ विधिवद्धोमानन्ततश्च समेत्यृचा । वातेन्द्रगुरुवह्नीनां जुहुयात्सर्पिषाहुतीः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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