Adhyay : 11 Mantra : 121 Back to listings मारुतं पुरुहूतं च गुरुं पावकं एव च । चतुरो व्रतिनोऽभ्येति ब्राह्मं तेजोऽवकीर्णिनः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related