Adhyay : 10 Mantra : 129 Back to listings शक्तेनापि हि शूद्रेण न कार्यो धनसंचयः । शूद्रो हि धनं आसाद्य ब्राह्मणानेव बाधते । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related