Adhyay : 10 Mantra : 119 Back to listings स्वधर्मो विजयस्तस्य नाहवे स्यात्पराङ्मुखः । शस्त्रेण वैश्यान्रक्षित्वा धर्म्यं आहारयेद्बलिम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related