Adhyay : 10 Mantra : 118 Back to listings चतुर्थं आददानोऽपि क्षत्रियो भागं आपदि । प्रजा रक्षन्परं शक्त्या किल्बिषात्प्रतिमुच्यते । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related