कुरान समीक्षा : खुदा जन्नत अर्थात् स्वर्ग में रहता है

खुदा जन्नत अर्थात् स्वर्ग में रहता है

खुदा का महल जन्नत अर्थात् स्वर्ग में है जहां वह रहता है, उसके पास ही प्यारी-प्यारी करोड़ों हूरें अर्थात् सुन्दर स्त्रियां भी रहती हैं, शराब की नहरें भी खुदा ही के पास हैं। तो बतावें कि खुदा की जन्नत अर्थात् स्वर्ग हमारी पृथ्वी से कितनी दूर व किस दिशा में है ? क्या आप जन्नत की मौजूदगी साबित कर सकते हैं?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

इन्नल्-मुत्तक-न फी जन्नातिंव……….।।

(कुरान मजीद पारा २७ सूरा कमर रूकू ३ आयत ५५)

परहेजगार बैकुण्ड के बागों ओर नहरो में होंगे।

फी मक्-अदि सिद्किन् अिन-द…….।।

(कुरान मजीद पारा २७ सूरा कमर रूकू ३ आयत ५५)

सच्ची बैठक में बादशाह के पास जिसका सब पर कब्जा है बैठेंगे।

समीक्षा

खुदा जन्नत अर्थात् बहिश्त में रहता हैं। वहीं पर असंख्य खूबसूरत औरतें तथा सुन्दर-सुन्दर लोंडे भी रहते हैं। वहीं पर हूरों के हुस्न अर्थात् सौन्दर्य की बिक्री का बाजार भी लगता है

(देखो मुकदमाये तफसीरूल्कुरान पृष्ठ ८३ व कुरान परिचय पृष्ठ ११७)

ऐसे ऐशो आराम के बहिश्त में अरबी खुदा की तबियत खूब लगी रहती होगी। वह बढ़ा भाग्यशाली है। तौरेत के अनुसार खुदा के मकान दरवाजे तथा फाटक भी लगे हुए हैं। उनकी रक्षा को बहुत से पहरेदार भी नियत्त रहते हैं। इन्जील के अनुसार-

‘‘खुदा की रक्षा को बीस करोड़ घुड़सवार फौज भी वहां रहती है।’’

(देखो बाइबिल प्रकाशित नाम का अध्याय ९ वाक्य १६)

अरबी खुदा बड़े ठाट-बाट का था जो किसी बड़े जमींदार से किसी बात में भी कम नहीं था। नौकर-चाकर फौजें-महल-हूरें-गिलमें सभी उसके पास बेशुमार थे।

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