वर्ण व्यवस्था

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वर्ण व्यवस्था क्या है ? किन पर्  लागू होती है ?  आज के  परिपेक्ष्य मैं  इस्का क्या लाभ है?

समाज मैं सब व्यक्ति सब कार्य समान कुशल्ता से नहीं कर सक्ते हैं .इस्लिये योग्यता के अनुसार व्यवस्था चलाने के लिये भिन्नभिन्न वर्ण के लोग
वर्ण व्यवस्था केवल ग्रहस्थ  पर  लागू होती है . ब्रह्म्चारि वंप्रस्थ और सन्यासि वर्ण से बाहर है.

ग्रहस्थी में एक वर्ण  की लड़्की को   अपने वर्ण में स्वयम्वर विवाह  का आदेश्  है .

सम्पत्ति ग्रहस्थ  के पास रहेगी. अन्य वर्ण ग्रहस्थ  पर आश्रित हैं .

हर वर्ण की एक  श्रेणी होती है. उस श्रेणी की व्यवस्था  वे लोग स्वयम  देख्ते  हैं .

राजा उस में हस्तक्षेप नहीं करता .

आज कल सरकार अंग्रेज़ोन कि तरह सभी श्रेणियोन का काम   सम्भाल  रहीहै इस्लिये अव्यवस्था होरही है.

कपड़ा कैसे बुना जाए ;ये फैस्ला IAS  [अंग्रेज़ सर्कार का कलक्टर ] लेगा तो अव्यवस्था तो होगी ही.

राष्ट्र को बुनकर समाज कप्ड़ा देगा. खद्दी से दे  या  मिल से दे .ये उनका कर्तव्य है . सरकार को उस्से क्या प्रयोजन? guild socialism

कित्ना कप्ड़ा आयात होगा ये  भी बुंकर समाज  तय करे .

ऐसा ही अन्य वर्णों में सम्झो .

सरकार को विदेश नीति , रक्षा ,  दंड   एवम  वित्त विभाग ही  देखने चहिये .

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