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‘वेद’ उंगलियों पर

‘वेद’ उंगलियों पर

एक समय था जब वेद पठन-पाठन की परमपरा तो थी, पर सबके लिये नहीं। आज वेद कानूनी तौर पर सबके लिये है, पर पठन-पाठन की प्रक्रिया ना होने से आज भी जन-सामान्य की पहुँच से दूर है। जो लोग वेद पढ़ने के इच्छुक हैं, उन्हें प्रायः आजीविका की समस्या आती है और जो आजीविका की तरफ ध्यान देते हैं, उन्हें वेद से दूर रहना पढ़ता है। आर्यसमाजिक प्रकाशनों ने ऋषि दयानन्द की कृपा से वेदभाष्यों को प्रकाशित करके इस समस्या को कुछ हल कर दिया। पर आज प्रायः हर व्यक्ति अन्तर्जाल (इन्टरनेट) से जुड़ा है। पुस्तकें भी अधिकतर डिजिटल ही पढ़ी जाती हैं। इस विचार को ध्यान में रखते हुए परोपकारिणी सभा के युवा कार्यकत्ताओं ने ‘पंडित लेखराम वैदिक मिशन’ संगठन बनाया, जोकि मुखय रूप से इन्टरनेट के माध्यम से कार्य करता है। अपनी वैबसाइट www.aryamantavya.in के माध्यम से आर्यसमाज के सिद्धान्तों, अन्धविश्वासों के खण्डन, सैद्धान्तिक लेख, शास्त्रार्थ एवं वैदिक-साहित्य का प्रचार-प्रसार किया। विभिन्न अवसरों पर सैद्धान्तिक विषयों पर कार्टून वीडियो बनाकर उनके माध्यम से भी कुरीतियों का खण्डन किया जाता है।

इसी शृंखला में चारों वेदों को कई भाषाओं में भाष्य सहित वैबसाइट पर डाला गया। इन वेदों को और अधिक सुलभ बनाने के लिये एक एप online ved नाम से बनाया गया। जिसमें वेदमन्त्रों को ढूंढना, पढ़ना बहुत सरल हो गया। इस एप के सर्च बाक्स में वेद का कोई भी शबद डालें तो वेद की संहिता और भाष्य में जहाँ-जहाँ भी वह शबद आया होगा, उसकी पूरी सूची हमारे सामने आ जायेगी।

यदि कोई विधर्मी या तथाकथित धर्मगुरु वेद के नाम पर कोई भी गप्प हमें परोसते हैं, तो हम तुरन्त उसे उत्तर दे सकते हैं। साथ ही वेद के किसी शबद का सही अर्थ क्या है, ये भी  हम इस एप के द्वारा पता लगा सकते हैं। इसलिये ये एप्लीकेशन वेद के अध्येताओं, शोधकर्त्ताओं, शंकासमाधाताओं और शास्त्रार्थ करने वालों के लिये किसी संजीवनी से कम नहीं है।

आज वेद के विद्वानों में आचार्य धर्मवीर जी अग्रिम पंक्ति में थे। ‘पंडित लेखराम वैदिक मिशन’ के युवा कार्यकर्त्ता उन्हीं दूरदर्शी विद्वान् के शिष्य हैं और उन्हीं द्वारा प्रेरित हैं, इसलिये इस एप्लिकेशन को आचार्य धर्मवीर जी को ही समर्पित किया गया है। ऋषि मेले के अवसर पर ही इस ‘एप’ का लोकार्पण आचार्य धर्मवीर जी की धर्मपत्नी एवं परोपकारिणी सभा की सदस्य श्रीमती ज्योत्स्ना जी द्वारा किया गया।

इस कार्य के लिये ‘पंडित लेखराम वैदिक मिशन’ के सभी कार्यकत्ताओं का धन्यवाद। आर्यजन इससे लाभ उठायें।