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कुरान समीक्षा : कुरान पुरानी खुदाई किताबों की तफसील अर्थात् व्याख्या है

कुरान पुरानी खुदाई किताबों की तफसील अर्थात् व्याख्या है

खुदा ने पुरानी किताबों की तफसील रूपी कुरान क्यों लिखा? कोई नई उत्तम किताब ज्ञान-विज्ञान की क्यों नहीं लिखवाई? पुरानी आल्हा को गाना खुदा के लिए कोई खूबी की बात नहीं है। न उससे खुदा की शाम बढ़ी है। पुरानी किताबों को नई जुबान में खुदा ने निकल कर दिया है यह इस आयत से स्पष्ट है? ऐसा तो हर कोई अक्लमन्द या शायर कर सकता था।

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

व मा का-ना हाजल् कुर्आनु………..।।

(कुरान मजीद पारा ११ सूरा यूनुस रूकू ४ आयत ३७)

यह किताब अर्थात् कुरान इस किस्म की नहीं कि खुदा के सिवाय और कोई इसे अपनी तरफ से बना लावे। बल्कि जो (किताबें) इससे पहले की हैं उनकी तस्दीक करती है और उन्हीं की तफसील है। इसमें सन्देह नहीं कि यह खुदा की ही उतारी हुई है ।

समीक्षा

जब कि कुरान पुरानी किताबों की तफसील अर्थात् व्याख्या मात्र तो असली किताबों के रूप में पुरानी किताबों का महत्व बढ़ जाता और कुरान का दर्जा घटिया बन जाता है क्योंकी इसमें जो कुछ भी है पुरानी किताबों की ही व्याख्या है।