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कुरान समीक्षा : चाहे जितनी औरतें रखो छूट है

चाहे जितनी औरतें रखो छूट है

अगर देह में ताकत हो, कमर तगड़ी हो तो चाहे जितनी औरतों से रोज भोग करते रहो, इसकी छूट देने से खुदा ने व्यभिचार को प्रोत्साहन दिया है। यदि ताकत न होगी तो ज्यादा औरतों को कोई क्यों फांसेगा? इस आयत को कुरान में लिखने से खुदा का क्या मंशा था?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

व इन् खिफतुम् अल्ला तुक्ंसितू……..।।

(कुरान मजीद पारा ४ सूरा निसा रूकू १ आयत ३)

अगर तुमको इस बात का डर हो कि बेसहारा लड़कियों में इन्साफ कायम न रख सकोगे तो अपनी इच्छा के अनुकूल दो-दो और तीन-तीन या चार-चार औरतों से निगाह कर लो, लेकिन अगर तुमको इस बात का शक हो कि बराबरी न कर सकोगे तो एक ही बीबी करना या जो तुम्हारे कब्जे में हो उस पर सन्तोष करना। यह तदवीर मुनासिब है।

समीक्षा

इसमें साफ छूट दी गई है कि यदि मर्द में औरतों के साथ हर बात में एक जैसा बर्ताव करने की ताकत हो तो चाहे जितनी औरतें अय्याशी के लिए पास रख सकता है।