कुरान लोहे महफूज पर खुदा ने लिख रखा है
क्या खुदा पूरे कुरान को याद नहीं रख सकता था जो उसे लोहे की तख्ती पर उसे लिखकर रख लेना पड़ा था?
क्या इस मामले में हमारे मुसलमान हाफिज खुदा से बाजी नहीं मार ले गये जो पूरा कुरान कंठस्थ याद कर लेते हैं? बतावें कि खुदा का दिमाग इतना कमजोर क्यों हो गया है जो वह कुरान भी हिफ्ज अर्थात् मुजबानी याद नहीं रख सकता था?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
बल् हु-व कुर् आनुम्-मजीद……………।।
(कुरान मजीद पारा ३० सूरा बुरूज रूकू १ आयत २१)
बल्कि यह कुरान बड़ी शान का है।
फी लौहिम्-मह्फूज………..।।
(कुरान मजीद पारा ३० सूरा बुरूज रूकू १ आयत २२)
हमने कुरान को लोहे महफूज लिखा हुआ है।
समीक्षा
असल कुरान खुदा ने किसी कठिन भाषा में लौहे महफूज नाम की लोहे की तख्ती पर लिख कर रख लिया है। मौजूदा कुरान तो उसको सरल करके काँट छाँट कर बनाया गया है। हम जानना चाहते हैं कि लौहे की तख्ती पर तो जंग भी लग सकती है उस स्थिति में उस पर लिखा हुआ खुदाई कलाम कैसे महफूज अर्थात् सुरक्षित रह सकता है?
Wahiyaat sawal tumhare
Kyon bhai