जम्मू के शहीद वीर रामचन्द्र -डा. अशोक आर्य आर्य समाज के वीरों ने विभिन्न समय पर विभिन्न प्रकार ए बलिदानी वीर पैदा किये । किसी ए धर्म की रक्शा के लिए, किसी ने जाति की रक्शा के लिए , किसी ने जाति के उत्थान मे लिए अपने बलिदान दिए । एसे ही बलिदानियों में एक आर्य बलिदानी हुए हैं वीर राम चन्द्र जी । जम्मू रियासत के कटुआ जिला की तहसील हीरानगर के लाला खोजूशाह महाजन नामक खजान्ची जी ए यहां दिनांक १९ आषाट स्म्वत १९५३ को जन्मे बालक ने मेघ जाति के उद्धार के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया था । बालक रमचन्द्र के आट भाई और एक बहिन थी । भाई बहिनों में सबसे बडे रामचन्द्र ने … Continue reading जम्मू के शहीद वीर रामचन्द्र→
पण्डित ओंकारनाथ वाजपेयी – डा. अशोक आर्य आर्य समाज के त्यागी व तपस्वी कार्यकर्ताओं में पण्डित ओंकार नाथ मिश्र भी एक थे । महुआ नामक गांव जिला आगरा में आप का जन्म महर्षि दयानन्द जी के निर्वाण से मात्र दो वर्ष पूर्व सन १८८१ इस्वी में हुआ । यह समय आर्य समाज का समय कहा जा सकता है । इस कारण आप पर आरम्भ से ही आर्य समाज का प्रभाव दिखाई देने लगा । आप ने प्रयाग विश्वविद्यलय से मैट्रिक की परीकशा उतीर्ण्करने के तदन्तर इलाहाबाद में एक प्रैस की स्थापना कर , प्रकाशन का कार्य आरम्भ किया तथा इसके साथ ही एक पिस्तक विक्री एन्द्र ( बुक डिपो ) भी आरम्भ किया । आप के इस प्रकाशन संस्थान ने … Continue reading पण्डित ओंकारनाथ वाजपेयी→
मेहरचन्द महाजन -डा. अशोक आर्य श्री मेहरचन्द महाजन एक महान न्यायविद तथा एक उत्तम प्रशासक थे । हिमाचल के टीका नगरोटा नामक स्थान पर २१ दिसम्बर १८८९ इस्वी को आप का जन्म हुआ । आप ने खूब दिल लगा कर शिक्शा प्राप्त की तथा एक अच्छे वकील बन गए । आप ने वकालत का आर्म्भ तो गुर्दासपुर पंजाब से किया किन्तु जल्दी ही आप लाहौर चले गये । लाहौर उन दिनों रजनीति तथा शिक्शा का केन्द्र था । अत: जल्दी ही आप लाहौर के कानूनविद से प्रतिष्टित कानून विद अर्था कानून के व्यवसायी हो गए । अपनी मेहनत व उसमें सफ़लता के कारण आप कानून के क्शेत्र में एक अच्छी विभूति बन गए इस कारण आप को … Continue reading मेहरचन्द महाजन by Dr. Ashok Arya→
कविरत्न पं. अखिलानन्द शर्मा पण्डित अखिलानन्द जी का जन्म गांव चन्द्र नगर जिला बदायूं में मिती माघ शुक्ला २ दिनांक १९३७ विक्रमी को हुआ । आप के पिता का नाम पं. टीका राम स्वामी तथा माता का नाम सुबुद्धि देवी था । आप अपने समय के संस्क्रत के उच्चकोटि के कवि थे । जब स्वामी दयानन्द सरस्वती अलीगट से लगभग तीस किलोमीटर दूर गांव कर्णवास , जो गंगा के तट पर है तथा यह वह स्थान है जहां पर स्वामी जी ने कर्णवास के राजा राजा से तलवार छीन कर तोड दी थी , इस स्थान पर ही जब स्वामी जी टहरे थे तो पंण्डित जी के पिता पं. टीका राम स्वामि जी स्वामी जी से मिले थे । इस … Continue reading कविरत्न पं. अखिलानन्द शर्मा By Dr. Ashok Arya→
–डा. अशोक आर्य मुन्शी जी का जन्म उतर प्रदेश के आगरा में सन १८०९ इस्वी में हुआ । आर्य समाजी तो सदा ही क्रान्तिकरी विचारों के लिए प्रसिद्ध रहे हैं । इस कारण आप भी क्रान्तिकारी विचार रखते थे । मुन्शी जी के पिता का नाम धर्म दास था । मुन्शी कन्हॆयाला जी की शिक्शा कलकत्ता में हुई । आप ने कुछ समय के लिए बर्मा में भी अपना निवास रखा किन्तु फ़िर आप भारत में वापिस लॊट आये । आप में अत्यधिक लगन ने आप को लुधियाना भेज दिया । यहां आ कर आप ने सन १८७३ में ” नीति प्रकाश” नाम से एक संस्था की स्थापना की । इस संस्था की स्थापना के साथ ही इस स्म्स्था के … Continue reading मुन्शी कन्हॆयालाल अलखधारी By Dr. Ashok Arya→
Builder of Unity – Rishi Dayanand Saraswati -By Romain Rolland Indian religious thought raised a purely Indian Samaj against Keshab’s Brahmo Samaj and against all attempt at Westernization even during lifetime, and its head was a personality of the highest order, Dayanand Saraswati. This man with the nature of a lion is one of those, whom Europe is too apt to forget when she judges India, but whom she will probably be forced to remember to her cost; for he was that rare combination, a thinker of action with a genius for leadership like Vivekanand after him. While all the religious leaders of whom we have already spoken and shall speak in the future were and are from Bengal, … Continue reading Builder of Unity – Rishi Dayanand Saraswati – Romain Rolland→
Cows Nutrition and Food Security RV 6.54 ऋषि: -भारद्वाजो बार्हस्पत्य: , देवता पूषा: सं पूषन् विदुषा नय यो अञ्जसानुशासति । य एवेदमिति ब्रवत् ॥ ऋ6.54.1 Oh Pushan –Lord of Nutrition- lead us to the wisdom with clarity about our nutrition. हे पूषन देवता, हमारी पोष्टिकता के लिये विस्तृत ज्ञान का उपदेश दो 2. समु पूष्णा गमेमहि यो गृहाँअभिशासति। इम एवेति च ब्रवत् ।। ऋ6.54.2 पूषन देवता के अनुसार गृहस्थों के लिए घरों मे गौपालन ही पौष्टिकता का अत्योत्तम साधन है. It is the divine wisdom that a house cow is the perfect strategy for best of nutrition. 3. पूष्णश्चक्रं न रिष्यति न कोशोऽव पद्यते ।नो अस्य व्यथते पवि: ॥ ऋ 6.54.3 The wheel of the chariot of nutrition by … Continue reading Cows Nutrition and Food Security in Vedas→
Daily Procedures & Rituals in Goshala वैदिक परम्परा में मानव जीवनोपयोगी उपदेश वेदों के आधार पर गृह्यसूत्रों में भिन्न भिन्न संस्कार में पाए जाते हैं. गौ को परिवार में एक सम्माननीय स्थान दिया जाता था. इस लिए गोपालन से सम्बंधित विषय भी गृह्यसूत्रों और विधान ग्रन्थों में मिलता है. इसी के आधार पर निम्न संकलन करने का प्रयास है. In Vedas knowledge on all topics in general, is often found dispersed at various places. That Vedic knowledge is concisely collated and provided as Sanskars/Procedure in the Sutra literature. In this chapter the procedures connected with cows, available in Shraut Sutras & Grihya Sutras are being furnished below: गोपालन विधि गृह्य , अग्नि पुराण और कृषि … Continue reading Daily Procedures & Rituals in Goshala→
क्या कुरान के अल्लाह को किसी की मदद लेनी पड़ती है ? क्या कुरान के अल्लाह को किसी को मदत लेना पड़ता है।मित्र ईश्वर सर्वशक्तिमान है, इस लिए ईश्वर को कोई प्रकार सहायता कि प्रोयोजन नेही होता, ईश्वर अपने समर्थ से अपनी सभी कार्य खुद ही कर लेता है। जैसा सृष्टी, प्रलय, और जीवात्मा के कर्म फल प्रदान करने मे ईश्वर को किसी के सहायता कि कोई प्रयोजन नही होता है।परन्तु कुरान के अल्लाह किसी के सहायता बिना खुद अपनी कार्य करने में सक्षम नही है। इस लिए कुरान के अल्लाह को सर्वदा फरिश्तो के सहायता लेना पड़ा। अल्लाह के लिए सबी फ़रिश्ते किस प्रकार मदतगार थे, इसका प्रमाण कुरान में अनेक जागा में मिलते है। उसमे से एक प्रमाण आप … Continue reading क्या कुरान के अल्लाह को किसी की मदद लेनी पड़ती है ?→
Jews asked Allah’s prophet three questions! Posted by yasharya arab jews in the time of mohamed was asked by the pagans leaders to verify whether mohamed is a prophet or not by giving them some questions to ask him about. they gave them this three questions and told them “if he know the answer of this three questions the man is a prophet follow him,if not he is pretending do with him whatever you like. the questions was 1-few youth in the first age ,what was there matter? these youth had an amazing matter 2-a man covered the earth till he reached its east and west,what was his matter? 3-what is the soul? http://yasharya.wordpress.com/2013/05/12/allah-quranic-embryology-and-the-soul/ the answer to the three questions was revealed to mohamed … Continue reading Jews asked Allah’s prophet three questions!→