प्रजनार्थं स्त्रियः सृष्टाः संतानार्थं च मानवः । तस्मात्साधारणो धर्मः श्रुतौ पत्न्या सहोदितः ।

छुपकर वा सबके सामने जो मनुष्य जूआ खेले उसका दण्ड राजा इच्छानुसार जो भी चाहे वही होता है ।

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