(आमरणान्तिकः) मरणपर्यन्त (अन्योन्यस्य + अव्यभिचारः भवेते) पति-पत्नी में परस्पर किसी भी प्रकार के धर्म का उल्लंघन और विच्छेद न हो पाये (समासेन) संक्षेप मे (स्त्रीपुसयोः) स्त्री-पुरुष का (एषः परः धर्मः ज्ञेयः) यही साररूप मुख्य धर्म है ।
(आमरणान्तिकः) मरणपर्यन्त (अन्योन्यस्य + अव्यभिचारः भवेते) पति-पत्नी में परस्पर किसी भी प्रकार के धर्म का उल्लंघन और विच्छेद न हो पाये (समासेन) संक्षेप मे (स्त्रीपुसयोः) स्त्री-पुरुष का (एषः परः धर्मः ज्ञेयः) यही साररूप मुख्य धर्म है ।