तत्प्राज्ञेन विनीतेन ज्ञानविज्ञानवेदिना । आयुष्कामेन वप्तव्यं न जातु परयोषिति ।

(कृतक्रियौ स्त्रीपुंसौ) विवाहित स्त्री-पुरुष (नित्यं तथा यतेयाताम्) सदा ऐसा यत्न करें कि (यथा) जिस किसी भी प्रकार से (तौ) वे (इतरेतरम्) एक दूसरे से (वियुक्तौ न + अभिचरेताम्) अलग न होवें = सम्बन्धविच्छेद न हो पाये ।

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