व्यभिचारात्तु भर्तुः स्त्री लोके प्राप्नोति निन्द्यताम् । सृगालयोनिं चाप्नोति पापरोगैश्च पीड्यते । ।

(वाचा सत्ये कृते) वाग्दात = सगाई करने के बाद (और विवाह से पूर्व)  (यस्याः कन्यायाः पति म्रियेत) जिस कन्या का पति मर जाये (ताम्) उस कन्या को (निजः देवरः) पति का छोटा भाई (अनेन विधानेन विन्देत) इस विधान से प्राप्त कर ले ।

“जो अक्षतयोनि स्त्री विधवा हो जाये तो पति का निज छोटा भाई भी उससे विवाह कर सकता है । ” (श्लोक की दूसरी पंक्ति उद्धृत करके यह उल्लेख है (स. प्र. चतुर्थ समु.)

स्त्री-पुरुष के धर्म—

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