तेषु तेषु तु कृत्येषु तत्तदङ्गं विशिष्यते । येन यत्साध्यते कार्यं तत्तस्मिञ् श्रेष्ठं उच्यते

उन प्रकृतियों के अपने-अपने कार्यों में वह-वह प्रकृति-अंग विशेष है जो कार्य जिस प्रकृति से सिद्ध होता है उसमें वही प्रकृति श्रेष्ठ मानी गई है । अर्थात् समयानुसार सभी प्रकृतियों को श्रेष्ठता है अतः किसी को कम महत्वपूर्ण समझकर त्याज्य न समझे ।

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