(नियुक्तौ) नियोग के लिए नियुक्त बड़ा या छोटा यदि (विधि- हित्वा) नियोग की विधि = व्यवस्था (समाज या परिवार में किये गये पूर्व निश्चयो) को छोड़कर (कामतः वर्तेयाताम्) काम के वशीभूत संभोगादि करे (तु) तो (तौ + उभौ) वे दोनों (स्नुषाग-गुरुतल्पगौ पतित स्याताम्) पुत्रवधूगमन औरर गुरुपत्नीगमन के अपराधी माने जायेंगे ।