संधिं छित्त्वा तु ये चौर्यं रात्रौ कुर्वन्ति तस्कराः । तेषां छित्त्वा नृपो हस्तौ तीक्ष्णे शूले निवेशयेत् ।

जो चोर रात को सेंध मारकर चोरी करते है राजा उनके हाथ काटकर तेज शूली पर चढ़ा दे ।

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