राज्ञः कोशापहर्तॄंश्च प्रतिकूलेषु च स्थितान् । घातयेद्विविधैर्दण्डैररीणां चोपजापकान् ।

राजा के खजाने को चुराने वाले और राज्य के विरोधीकार्यो में संलग्न तथा शत्रुओं को भेद देने वाले, इन्हें राजा विविध प्रकार के दण्डों से दण्डित करे ।

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