रक्षनादार्यवृत्तानां कण्टकानां च शोधनात् । नरेन्द्रास्त्रिदिवं यान्ति प्रजापालनतत्प

श्रेष्ठ आचरण वाले व्यक्तियों की रक्षा करने से और कण्टकों=कष्टदायक दुष्ट व्यक्तियों को दूर करने से प्रजाओं के पालन करने में तत्पर रहने वाले राजा उत्तम सुख को भोगते है ।

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