Adhyay : 9 Mantra : 106 Back to listings ज्येष्ठेन जातमात्रेण पुत्री भवति मानवः । पितॄणां अनृणश्चैव स तस्मात्सर्वं अर्हति Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related