जो साक्षी सत्य बोलता है वह जन्मान्तर में उत्तम जन्म और उत्तम लोकान्तरों में जन्म को प्राप्त होके सुख भोगता है इस जन्म वा परजन्म में उत्तम कीर्ति को प्राप्त होता है क्यों कि जो यह वाणी है वही वेदों में सत्कार और तिरस्कार का कारण लिखी है । जो सत्य बोलता है वह प्रतिष्ठित, और मिथ्यावादी निन्दित होता है ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)