स्त्रियाप्यसंभावे कार्यं बालेन स्थविरेण वा । शिष्येण बन्धुना वापि दासेन भृतकेन वा ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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