अनुभावी तु यः कश्चित्कुर्यात्साक्ष्यं विवादिनाम् । अन्तर्वेश्मन्यरण्ये वा शरीरस्यापि चात्यये ।

घर के अन्दर एकान्त में हुई घटना में अथवा जंगल के एकान्त में हुई घटना में और रक्तपात आदि से शरीर के घायल हो जाने की अवस्था में जो कोई अनुभव करने वाला या देखने वाला हो वही विवाद करने वालों का साक्षी हो सकता है, चाहे वह कोई भी हो ।

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