विद्वांस्तु ब्राह्मणो दृष्ट्वा पूर्वोपनिहितं निधिम् । अशेषतोऽप्याददीत सर्वस्याधिपतिर्हि सः ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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