यं तु पश्येन्निधिं राजा पुराणं निहितं क्षितौ । तस्माद्द्विजेभ्यो दत्त्वार्धं अर्धं कोशे प्रवेशये

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *