Adhyay : 8 Mantra : 358 Back to listings स्त्रियं स्पृशेददेशे यः स्पृष्टो वा मर्षयेत्तया । परस्परस्यानुमते सर्वं संग्रहणं स्मृतम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related