वाग्दुष्टात्तस्कराच्चैव दण्डेनैव च हिंसतः । साहसस्य नरः कर्ता विज्ञेयः पापकृत्तमः ।

साहसिक पुरूष का लक्षण – जो दुष्ट वचन बोलने चोरी करने बिना अपराध से दण्ड देने वाले से भी साहस, बलात्कार काम करने वाला है वह अतीव पापी, दुष्ट है ।

(स० प्र० षष्ठ समु०)

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