प्रनष्टाधिगतं द्रव्यं तिष्ठेद्युक्तैरधिष्ठितम् । यांस्तत्र चौरान्गृह्णीयात्तान्राजेभेन घातयेत्

चुरा लेने के बाद प्राप्त किये गये धन को राजा योग्य रक्षकों के पहरे – सुरक्षा में रखे अगर उस पहरे में से भी चोरी करते हुए जो चोर पकड़े जायें (चाहे वे पेशेवर चोर हों अथवा रक्षक राजपुरूष) उन्हें राजा हाथी से कुचलवाकर मरवा डाले ।

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