जो राजा प्रजाओं की बिना रक्षा किये उनसे छठा भाग अन्नादि टैक्स महसूल चुंगी और जुर्माना ग्रहण करता है वह शीघ्र ही दुःख को प्राप्त होता है अर्थात् प्रजाओं का ध्यान न रखने के कारण उनके असहयोग से किसी – न – किसी कष्ट से आक्रान्त हो जाता है ।
अनुशीलन – अन्न के छठे भाग को ‘बलि’ कहते हैं, प्रतिमास, छठे मास या वार्षिक रूप में लिया जाने वाला टैक्स ‘कर’, व्यापारियों से लिया जाने वाला महसूल ‘शुल्क’, फल, शाक आदि पर लिया जाने वाला शुल्क ‘प्रतिभाग’, तथा अपराध में किया जाने वाला जुर्माना ‘दण्ड’ कहलाता है ।