अवनिष्ठीवतो दर्पाद्द्वावोष्ठौ छेदयेन्नृपः । अवमूत्रयतो मेढ्रं अवशर्धयतो गुदम् ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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