Adhyay : 8 Mantra : 282 Back to listings अवनिष्ठीवतो दर्पाद्द्वावोष्ठौ छेदयेन्नृपः । अवमूत्रयतो मेढ्रं अवशर्धयतो गुदम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related